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महापौर के रवैये से शहरवासी नाराज, जो वादे किए वह नहीं हुए पूरे, आवारा कुत्तों का शिकार हो रहे लोग
कुत्तों के काटने के कारण जिला चिकित्सालय में शहरवासी उपचार करवाने पहुंच रहे हैं। जिनकी समस्याओं को हल करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों से हजारो बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इस समस्या के निराकरण की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
उज्जैन शहर के प्रथम नागरिक महापौर मुकेश टटवाल 6 मई 2023 शनिवार से रेडियो के माध्यम से शहरवासियों से यह सुझाव लेते नजर आएंगे कि आखिर शहर का विकास किस तरीके से किया जाए। इस कार्यक्रम के साथ ही शहर के छह स्थानों पर एक सुझाव पेटी लगाएंगे और जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेंगे। महापौर मुकेश टटवाल शहर विकास के लिए कार्य करने को तैयार तो है लेकिन इसके पूर्व शायद उनका ध्यान शहर की मूलभूत समस्याओं को हल करने की ओर नहीं है। जिनको लेकर प्रतिदिन 181 सीएम हेल्पलाइन और नगर निगम के एप्प पर सैकड़ों शिकायतें हो रही हैं। निगम चुनाव के दौरान महापौर मुकेश टटवाल ने शहरवासियों से सैकड़ों वादे किए थे, लेकिन वर्तमान में शहरवासियों की मूलभूत समस्याओं का ही अब तक निराकरण नहीं हो पाया है, जिसकी शिकायतों को लेकर शहरवासी आवेदन निवेदन करके परेशान हो चुके हैं।
शहर में आवारा मवेशियों की समस्या हो या फिर कुत्तों का आतंक प्रतिदिन मवेशियों से घायल होने और कुत्तों के काटने के कारण जिला चिकित्सालय में शहरवासी उपचार करवाने पहुंच रहे हैं। जिनकी समस्याओं को हल करवाने के लिए जनप्रतिनिधियों से हजारो बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इस समस्या के निराकरण की ओर किसी का ध्यान नहीं है। इस समस्या के साथ ही आगर रोड एम आर पांच पर ट्रेचिंग ग्राउंड की समस्या से भी लगभग 25,000 लोग परेशान हैं। दो दिनों पूर्व भी इस ट्रेचिंग ग्राउंड में आग लग गई थी, लेकिन निगमायुक्त रोशन सिंह और महापौर मुकेश टटवाल को सैकड़ों शिकायतें करने के बाद भी आज तक इस समस्या के निदान के लिए अधिकारियों ने कुछ नहीं किया है।
शहरवासी इन दो समस्याओं के अलावा टाटा के अधूरे कार्यों से भी परेशान हैं। टाटा कंपनी ने शहर की कई कॉलोनियों में निर्माण कार्यों को पूर्ण नहीं किया है यही कारण है कि इसका खामियाजा शहरवासियों को दुर्घटना के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इन समस्याओं के साथ ही वर्तमान में इंदौर और देवास रोड की कई कॉलोनियां जलसंकट से परेशान हो रही हैं, जिनकी समस्याओं के निराकरण की ओर तो निगम का अब तक कोई ध्यान नहीं था, गंभीर डेम में लगातार कम हो रहे पानी को लेकर भी निगम के जिम्मेदारों ने अब तक एक दिन छोड़कर पानी देने का कोई निर्णय नहीं लिया है। यही कारण है कि आने वाले समय में शहरवासियों को भीषण जलसंकट झेलना पड़ेगा। शहर विकास करना अच्छी बात है लेकिन महापौर मुकेश टटवाल को चाहिए कि वह पहले इन मूलभूत समस्याओं का निदान करें, उसके बाद शहरवासियों से नगर विकास के लिए सुझाव ले क्योंकि जब तक यह समस्या हल नहीं होगी, तब तक शहर विकास की बात करना भी गलत है।